

रायगढ़ 27 अगस्त से 05 सितम्बर तक आयोजित होने वाले 40वाँ चक्रधर समारोह – 2025 के प्रतीक चिन्ह के समूचे रेखांकनमेंगति,वेग,ऊर्जा,स्फूर्ति,चुस्ती,लय,ताल,निरन्तरता एवम् संगीत नृत्य का गुण समाहित है।चक्रधर समारोह के इस प्रतीक चिन्ह को रायगढ़ के राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध आर्टिस्ट, कैलिग्राफर,डिजाईनर, विजुअलाईजर तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव द्वारा तैयार किया गया है।मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि, रेखांकन में,नृत्य मुद्रा का सांकेतिक रूप से प्रयोग किया गया है जो कथक की मुद्रा से प्रभावित है कथक का रायगढ़ घराना संगीत सम्राट महाराजा चक्रधर सिंह जी की प्रमुख देन है । इसके साथ ही म्युजिकल नोड एवम् तबले का संयोजन है । तबला,संगीत सम्राट महाराजा चक्रधर सिंह जी का प्रमुख वाद्ययंत्र रहा है । रेखांकन के उक्त समस्त रिदमिक प्रभाव के साथ यह स्वयं में चित्रात्मकता प्रस्तुत करती है,चुस्ती,स्फूर्ति के गुणों के कारण यह खेल भावना भी दर्शाती है प्रतीक चिन्ह के इस रेखांकन में आंकिक रूप से नृत्य की सांकेतिक मुद्रा में अंक चार का और अंक शुन्य का प्रतिनिधित्व करती है। अर्थात् – 40, वर्ष 2025 में, रायगढ़ का यह 40वाँ चक्रधर समारोह है।
चक्रधर समारोह के इस प्रतीक चिन्ह की रंग योजना,तैयार की जाने वाली विजुअल अथवा सतह के अनुसार विभिन्न रंगों अथवा किसी भी रंग में प्रयुक्त हो सकेगी। मनोज श्रीवास्तव पिछले तीन दशक से रायगढ़ चक्रधर समारोह के प्रतीक चिन्ह का रेखांकन कर रहे है उनकी इस कला यात्रा एवं सृजनात्मक सेवा के लिए चक्रधर समारोह आयोजन समिति के साथ उनके अभिन्न सहयोगी एवं साथी भोजराम पटेल जिला संगठक रासेयो, कला साधक सुजीत मोदी ने बधाई देते हुए शुभकामना प्रदान की है ।
