
रायगढ़ छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी जी के नेतृत्व में चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने आज जीएसटी आयुक्त पुष्पेन्द्र कुमार मीणा से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित विभिन्न समस्याओं से अवगत कराना था।प्रतिनिधिमंडल ने जीएसटी के तहत व्यापारियों को आ रही परेशानियों को विस्तार से आयुक्त के समक्ष रखा। इन समस्याओं में जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की जटिलताएं,रिफंड मिलने में देरी, और अधिकारियों द्वारा जांच से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं।चेम्बर संरक्षक श्रीचन्द सुन्दरानी ने कहा कि किसी अधिकारी ने व्यापारी के साथ गलत कार्यवाही की तो उस अधिकारी को क्यों नहीं दंडित किया जाता है। अगर व्यापारी से कोई गलती हो गई तब उन पर तत्काल कार्यवाही कर दंडित किया जाता है। आज व्यापारी जीएसटी को दहशत के रूप में देख रहा है, व्यापारी जीएसटी के नाम से सहम जाता है। फिर भी वर्तमान में प्रदेश के व्यापारियों से जीएसटी कलेक्शन छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा हो रहा है।चेंबर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी, छत्तीसगढ़ जीएसटी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश मिश्रा एवं महासचिव शिव सोनी, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश थौरानी ने सुझाव दिया कि व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने हेतु प्रत्येक जिले में हेल्प डेस्क बनाया जाये जिसे जीएसटी आयुक्त श्री पुष्पेन्द्र कमार मीणा ने मान्य किया।
सी.ए.रवि ग्वालानी ने कहा कि व्यापारियों पर नोटिस की कार्यवाही से जबरदस्ती दबाव नहीं बनना चाहिए सहजता से सुलझाना चाहिए व्यापारी कहीं भाग नहीं रहा है।सी.ए.योगेश वलूयानी ने कहा कि जीएसटी में कानून तो है पर व्यवस्था नहीं है।चेंबर वाइस चेयरमैन चेतन तारवानी ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसे कमिश्नर मिले जो व्यापारियों की बात सुनते हैं।बैठक में जीएसटी में आ रही समस्याओं को चिन्हांकित कर निराकरण हेतु महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया:-जी. एस.टी. अपील व्यवसायी के पक्ष में हो जाने उपरांत अपील में जमा की गयी 10 प्रतिशत की राशि की वापसी नहीं की जा रही है अधिकारी द्वारा यह कहा जाता है कि व्यवसायी की दूसरी अपील संवित है जबकि यह न्यायपूर्ण नहीं है।जी.एस.टी. की धारा 21 के अधीन अधिकारी द्वारा की जाने वाली कार्यवाही उचित है परन्तु व्यवसाय स्थल में जाकर तुरंत मांग राशि को बिना किसी आदेश के रकम जमा करने को बाध्य किया जाता है वह उचित नहीं है।अधिकारी द्वारा किये जाने वाली वसूली कार्यवाही जिसमे वे व्यवसायी के क्रेडिट या कैप्स लेजर के बैलेंस से डेबिट कर दिया जाता है वह धारा 78 व 79 के विरुद्ध है। एवं आर्टिकल 14 व 19(1)(टी) संविधान के विरुद्ध भी है।संयुक्त आयुक्त अपील के तत्कालीन श्री अजय देवांगन के समय कुल 65 अपील प्रकरण आज दिनांक तक लंबित है जिसमें आज दिनांक तक कोई निर्णय नहीं हुआ है जिसके सम्बन्ध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है जिसका संज्ञान लेना अनिवार् जी.एस.टी में कम्पोजीशन डीलर पर 1 प्रतिशत कर की दर को 0.25 प्रतिशत किये जाने हेतु जी.एस.टी. काउंसिल को लिखा जाय इससे पंजीकृतव्यवसायीयों की संख्या में वृद्धि भी होगी व शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र मीणा ने. प्रतिनिधिमंडल की सभी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और इन पर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आइंदा से कैमरे बंद नहीं करेंगे मोबाइल नहीं छीना जाएगा एवं व्यापारी अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को भी बुला सकते हैं। विभाग व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सुझावों का स्वागत करता है।बैठक में जीएसटी आयुक्त पुष्पेन्द्र कुमार मीणा,जीएसटी अधिकारी -पी.एस.विंध्यराज, पी.आर.धुर्वे,निलिमा तिग्गा, संयुक्त आयुक्त नरेन्द्र वर्मा,दीपक गिरी,याचना ताम्बरे,सुनील चंधारी,सोनल मिश्रा, भावना अली आदि मुख्य रूप से शामिल थे।इस अवसर पर चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी,प्रदेश महामंत्री अजय भसीन उपस्थित रहे।
