
रायगढ़ छपोरा गाँव के शासकीय विद्यालय का आँगन उस सुबह बच्चों की हंसी,उत्साह और जिज्ञासा से गूंज रहा था। उनकी आँखों में उम्मीद की चमक थी और दिलों में एक अनकही खुशी। यह कोई साधारण दिन नहीं था-यह वह दिन था जब उनके सपनों को नई उड़ान मिली एनटीपीसी लारा की संवेदनशील CSR पहल“आशाओं को पंख” के माध्यम से।एनटीपीसी लारा केवल ऊर्जा का उत्पादक भर नहीं है,बल्कि आसपास के गाँवों का प्रगति का साथी है।“आशाओं को पंख” की इस पहल ने एक बार फिर यह विश्वास दिलाया कि शिक्षा में किया गया निवेश ही सबसे बड़ा और सबसे मूल्यवान निवेश है।साधारण संसाधनों से बड़ा संदेश।इस पहल के अंतर्गत विद्यार्थियों को स्कूल बैग,स्टेशनरी किट और पानी की बोतलें प्रदान की गईं। देखने में ये संसाधन साधारण लग सकते हैं,पर बच्चों के लिए यहविश्वास,आत्मसम्मान और प्रेरणा का प्रतीक बन गए।नया स्कूल बैग उनके लिए किताबों को गरिमा और गर्व से ढोने का माध्यम था। स्टेशनरी किट उनके भविष्य को अपनी लेखनी से गढ़ने का औज़ार थी। पानी की बोतल स्वास्थ्य और देखभाल का प्रतीक बन गई।हर संसाधन जब किसी नन्हे हाथ में पहुँचा,तो आँखों में चमक और होंठों पर मुस्कान साफ़ कह रही थी:“हम तुम पर विश्वास करते हैं। हम तुम्हारे सपनों पर भरोसा करते हैं।”प्रेरणा की गूंज.श्री अनिलकुमार,कार्यकारीनिदेशक,एनटीपीसी लारा की उपस्थिति कार्यक्रम की गरिमा को बढाया.साथ में श्री जाकिर खान,अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन);तथा श्री धनेश्वर
प्रधान,सरपंच,ग्राम पंचायत छपोरा,विद्यालय केशिक्षक,अभिभावक और गाँववासी भी इस खुशी और गर्व के पल के साक्षी बने।अपने प्रेरणादायी संबोधन में श्री अनिल कुमार ने बच्चों को बड़े सपने देखने,मन लगाकर पढ़ाई करने और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने का आह्वान किया।“हर बच्चे को उड़ने का अवसर मिलना चाहिए। एनटीपीसी लारा में हम केवल संसाधन नहीं दे रहे-हम पंख दे रहे हैं।”उनके ये शब्द विद्यालय प्रांगण में देर तक गूंजते रहे और बच्चों से लेकर अभिभावकों तक के दिलों में शिक्षा की शक्ति का विश्वास भर गए।बड़ी दृष्टि;भविष्य का निर्माणआशाओं को पंख”केवल तत्कालीन आवश्यकताओं की पूर्ति भर नहीं है;यह भविष्य निर्माण की यात्रा है। एनटीपीसी लारा का विश्वास है कि ग्रामीण भारत का हर बच्चा सीखने,आगे बढ़ने और सफल होने के समान अवसर का अधिकारी है।इसी उद्देश्य से कंपनी समय-समय पर शिक्षा को सशक्त बनाने वाले कदम उठाती रही है:छपोरा में यह पहल उस बड़े संकल्प का हिस्सा है जिसके अंतर्गत आने वाले हफ्तों में इस कार्यक्रम कोपरियोजना-प्रभावित सभी गाँवों तक विस्तारित किया जाएगा ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा की दौड़ में पीछे न रह जाए।मुस्कानें जो कहानी कहती हैं सबसे भावुक क्षण वह था जब बच्चों ने अपने नए स्कूल बैग कंधों पर डालकर खुशी से हाथ लहराए। उन मासूम मुस्कानों में उम्मीद,आत्मविश्वास और गर्व झलक रहा था। किसी के लिए यह पुराने,फटे बैग से मुक्ति थी। किसी के लिए यह जीवन का पहला शैक्षणिक संसाधन। और सभी के लिए यह संदेश था कि उनका भविष्य उनके समुदाय की प्राथमिकता है।आगे का उज्ज्वल रास्ता.आशाओं को पंख”जैसी पहलों के माध्यम से एनटीपीसी लारा केवल शिक्षा में सहयोग नहीं दे रहा,बल्कि बच्चों के भीतर आत्मविश्वास, महत्वाकांक्षा और धैर्य का संचार कर रहा है। ये छोटे-छोटे कदम समाज में सकारात्मक बदलाव की लहरें पैदा करते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।क्योंकि जब किसी बच्चे को प्यार और संसाधनों से सहारा मिलता है,तो वह केवल स्कूल नहीं जाता-बल्कि संभावनाओं और सफलताओं की यात्रा पर निकल पड़ता है। और हर सपने की उड़ान के साथ भारत और भी उज्ज्वल होता है।
