Homeछत्तीसगढ़जशपुरछत्तीसगढ़ बजट:खोखले वादों का पुलिंदा:पूर्व विधायक यू.डी. मिंज,बजट को खारिज,किसानों,बेरोजगारों और महिलाओं...

छत्तीसगढ़ बजट:खोखले वादों का पुलिंदा:पूर्व विधायक यू.डी. मिंज,बजट को खारिज,किसानों,बेरोजगारों और महिलाओं के लिए नहीं कोई ठोस प्रावधान,कुनकुरी में मेडिकल कॉलेज की घोषणा का किया स्वागत

रायपुर/कुनकुरी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेश किए गए बजट 2025 को लेकर पूर्व विधायक यू.डी.मिंज ने इस बजट को”आंकड़ों की बाजीगरी और जनता को भ्रमित करने वाला” करार देते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बजट महज़ दिखावे के लिए है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।किसानों के लिए कोई ठोस राहत नहीं यू.डी.मिंज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि “किसान पुत्र”होने के बावजूद वे किसानों को राहत देने में पूरी तरह विफल रहे हैं। कर्ज़माफी और बोनस की घोषणाएँ केवल कागजों में सिमटकर रह गई हैं।किसानों को समय पर उर्वरक और पानी नहीं मिल रहा है.सिंचाई की कोई नई योजना नहीं जलाशयों के संरक्षण की कोई ठोस नीति नहीं नहीं बनाइ गई है.उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर सरकार केवल लुभावने वादे कर रही है,लेकिन हकीकत में कोई भी सुविधा उन तक नहीं पहुँच रही है।बेरोज़गारी पर ठोस कदमों की कमी पूर्व विधायक मिंज ने राज्य में बढ़ती बेरोज़गारी पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि”हर साल हज़ारों युवा डिग्री लेकर नौकरी के इंतजार में बैठे हैं,लेकिन सरकार केवल प्रशिक्षण योजनाओं का ढोंग कर रही है।सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया धीमी नई नौकरियों के लिए बजट में ठोस प्रावधान नहींनिजी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के दावे भी हवा-हवाई हो गए है.उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि युवा केवल “प्रतियोगी परीक्षाओं”की तैयारी करते रहेंगे या सरकार सच में उन्हें नौकरी देगी?महंगाई बेलगाम,जनता बेहाल
यू.डी. मिंज ने कहा कि महंगाई इस समय आम आदमी की सबसे बड़ी समस्या है,लेकिन बजट में इसे नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया गया।रोजमर्रा की चीज़ों के दाम आसमान छू रहे है गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की परेशानी बढ़ी हुई है उन्होंने कहा कि सरकार कागज़ों में महंगाई नियंत्रण की बात कर रही है, लेकिन हकीकत में जनता त्रस्त है।स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली यू.डी.मिंज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खराब है।अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है,जरूरी मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता नहीं हमर लैब में गलत जांच के कारण कई मरीजों की मौत हो जा रही है इसको सुधारने की दिशा में कोई उपाय नहीं किए जा रहे है.उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब राज्य के जिला अस्पतालों में ही बुनियादी सुविधाएँ नहीं हैं l

spot_img

Must Read

spot_img