
रायगढ़ कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान खरीदी कार्य को पारदर्शी, सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। इसी क्रम में रविवार को कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में जिले के 105 धान उपार्जन केंद्रों के समिति प्रबंधकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों को राज्य शासन द्वारा जारी नवीन तकनीकी निर्देशों का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। अपर कलेक्टर श्री अपूर्व प्रियेश टोप्पो ने कलेक्टर के निर्देश पर धान खरीदी संबंधी सभी प्रावधानों, प्रक्रियाओं और डिजिटल कार्यप्रणाली की जानकारी विस्तार से दी।जिले में सोमवार से धान खरीदी कार्य सुचारू रूप से शुरू होगा। सोमवार को जिले के 16 समितियों के 21 किसानों को धान विक्रय के लिए टोकन जारी किए गए हैं, जिनसे कुल 1320 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान नए कंप्यूटर ऑपरेटर्स और समिति प्रबंधकों को सॉफ्टवेयर में खरीदे गए धान की प्रविष्टि, मिलर्स को धान प्रदाय,स्कैनिंग,सत्यापन और डिजिटल प्रक्रिया के अन्य पहलुओं का लाइव प्रेजेंटेशन देकर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम में जिला खाद्य अधिकारी श्री चितरंजन सिंह, सहकारिता अधिकारी श्री व्यास नारायण साहू, अपेक्स बैंक के जिला नोडल अधिकारी श्री एसपी सिंह, डीएमओ जाह्नवी जिल्हारे, सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
रायगढ़ जिले में इस वर्ष 69 समितियों के माध्यम से 105 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदा जाएगा। जिले के 81 हजार 747 पंजीकृत किसान इन केंद्रों में अपना धान बेचेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से 15 उपार्जन केंद्रों को संवेदनशील और 4 को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। अवैध धान की आवाजाही रोकने के लिए 24 अंतरराज्यीय और आंतरिक चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां तीन पालियों में चार-चार टीमें लगातार निगरानी में जुटी रहेंगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर इस वर्ष धान खरीदी प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल रूप दिया गया है। किसानों को धान विक्रय के लिए ‘तुंहर टोकन’ मोबाइल ऐप के माध्यम से ही टोकन जारी किए जा रहे हैं। ऐप पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे टोकन उपलब्ध होंगे और सोसायटी संचालक सुबह 9:30 बजे से टोकन जारी कर सकेंगे। जारी टोकन 7 दिनों तक वैध रहेंगे। इस बार किसानों को उपार्जन केंद्र में ऋण पुस्तिका लाने की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। एग्रीस्टेक पोर्टल से किसान का डेटा स्वतः सत्यापित होगा, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक सुगम और पारदर्शी हो गई है। इस वर्ष संस्थागत पंजीयन, भूमिहीन कृषक,डुबान क्षेत्र, वन अधिकार पट्टा धारक एवं ग्राम कोटवार वर्ग को भी विशेष छूट प्रदान की गई है। धान विक्रय की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में डिजिटल माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी, जिससे भुगतान प्रक्रिया शीघ्र और पारदर्शी रहेगी।



