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सत्ता प्राप्ति के बाद क्यों सिमट जाता है जनहित? जनता क्यों महसूस करती है खुद को ठगा-श्याम गुप्ता

रायगढ़ सामाजिक कार्यकर्ता, नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन के संस्थापक एवं प्रेस रिपोर्टर क्लब के प्रदेश संरक्षक श्याम गुप्ता ने कहा कि आज राजनीति का चरित्र तेजी से बदल रहा है। जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में नहीं होता, तब वह जनभावनाओं और समस्याओं के साथ खड़ा दिखता है, लेकिन जैसे ही सत्ता प्राप्त होती है, वही दल सीमित नेताओं और हितग्राही समूहों तक सिमटकर रह जाता है।परिणामस्वरूप जनता, जिसने अपने विश्वास और उम्मीदों के साथ उन्हें सत्ता तक पहुंचाया, खुद को ठगा महसूस करती है।श्याम गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र का आधार जनता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद जनहित की जगह व्यक्तिगत और गुटीय स्वार्थ हावी हो जाता है। जनता की समस्याओं चाहे वह रोजगार,शिक्षा,स्वास्थ्य या सुरक्षा की हों—वे फिर से चुनावी मुद्दा बनकर रह जाती हैं। उन्होंने कहा कि असली राजनीति वही है जो जनता के बीच रहकर उनकी तकलीफों को समझे और समाधान की दिशा में काम करे,न कि केवल मंचों और बयानों तक सीमित रहे।उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता अब सजग है,और ऐसे नेताओं को पहचानने लगी है जो केवल सत्ता सुख के लिए राजनीति करते हैं। समाज को भी चाहिए कि वह अपने जनप्रतिनिधियों से जवाबदेही मांगे,ताकि राजनीति का असली उद्देश्य—जनसेवा—पुनः सशक्त हो सके। श्याम गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि जब तक सत्ता जनता के प्रति ईमानदार नहीं होगी, तब तक लोकतंत्र अधूरा रहेगा। जनता का विश्वास लौटाना ही सच्चे नेतृत्व की पहचान है।

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