
रायपुर छत्तीसगढ राज्य के निर्माण किस तरह से हुआ और कैसे कैसे प्रयास किए गए। छत्तीसगढ राज्य की स्थापना हेतु जनआकाक्षाओं ही सर्वोपरि है, इसके लिए अत्यंत व्यवस्थित आंदोलन जनता ने किया।02 नवंबर 1861 को मध्य प्रांत का गठन हआ, इसकी राजधानी नागपुर थी। मध्यप्रांत में छत्तीसगढ़ एक जिला था। सन 1862 में मध्य प्रांत में पाँच संभाग बनाये गये, जिसमें छत्तीसगढ़ एक स्वतंत्र संभाग बना, जिसका मुख्यालय रायपुर था, जिसके साथ ही तत्कालीन छत्तीसगढ़ में 3 जिलों (रायपुर, बिलासपुर,संबलपुर) का निर्माण भी हुआ।सन् 1918 में पंडित सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य की स्पष्ट रेखा चित्र अपनी पांडुलिपि में खींचा अतः इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा व संकल्पनाकार कहा जाता है। सन् 1924 में रायपुर जिला परिषद ने संकल्प पारित करके पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की माँग की। सन् 1939 में कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में पंडित सुंदरलाल शर्मा ने पृथक छत्तीसगढ़ की माँग रखी।सन् 1946 में ठाकुर प्यारेलाल ने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की माँग के लिए छत्तीसगढ़ शोषण विरोध मंच का गठन किया,जो कि छत्तीसगढ़ निर्माण हेतु प्रथम संगठन था। सन् 1947 स्वतंत्रता प्राप्ति के समय छत्तीसगढ़ मध्यप्रांत और बरार का हिस्सा था। सन् 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में भाषायी आधार पर राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष पृथक राज्य की माँग की गई। सन् 1955 रायपुर के विधायक ठाकुर रामकृष्ण सिंह ने मध्य प्रांत के विधानसभा में पृथक छत्तीसगढ़ की माँग रखी जो कि प्रथम विधायी प्रयास था। सन् 1956 में डॉ. खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ महासभा का गठन राजनांदगाँव जिले में किया गया। इसके महासचिव दशरथ चौबे थे। इसी वर्ष मध्यप्रदेश के गठन के साथ छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश में शामिल किया गया। सन् 1967 में डॉक्टर खूबचंद बघेल ने बैरिस्टर छेदीलाल की सहायता से राजनांदगाँव में पृथक छत्तीसगढ़ हेतु छत्तीसगढ़ भातृत्व संघ का गठन किया, जिसके उपाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद तिवारी थे। सन् 1976 में शंकर गुहा नियोगी ने पृथक छत्तीसगढ़ हेतु छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का गठन किया।सन् 1983 में शंकर गुहा नियोगी के द्वारा छत्तीसगढ़ संग्राम मंच का गठन किया गया। श्री पवन दीवान द्वारा पृथक छत्तीसगढ़ पार्टी का गठन किया गया। एक मई 1998 को मध्यप्रदेश विधान सभा में छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए शासकीय संकल्प पारित किया गया। 25 जुलाई 2000 को श्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लोकसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया। 31 जुलाई 2000 विधेयक लोकसभा में पारित किया गया। 3 अगस्त 2000 राज्यसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया और 9 अगस्त 2000 को राज्यसभा में पारित किया गया। इसे 25 अगस्त 2000 तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर.नारायणन ने मध्यप्रदेश राज्य पुर्नगठन अधिनियम का अनुमोदित किया। एक नवंबर 2000 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई,छत्तीसगढ़ देश का 26 वाँ राज्य बना।



