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मुसलमानो के संवैधानिक अधिकारों के हनन के मामले में कार्यवाही की मांग,सीरतुन्नबी कमेटी रायगढ़ ने सौपा ज्ञापन

रायगढ़.जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में आई लव मोहम्मद” के बैनर लगाये जाने पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में अपराध दर्ज किया गया. इसी तरह देश की विभिन्न हिस्सों में प्रशासन द्वारा मुसलमानो को तरह तरह से प्रताड़ित कर उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है,मुसलमानो के साथ विद्वेषपूर्ण कार्यवाही की जा रही है. इन घटनाओं पर सीरतुन्नबी कमेटी रायगढ़ ने चिंता व्यक्त करते हुए महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भारत शासन के नाम डिप्टी कलेक्टर रायगढ़ मरकाम साहब को 10 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौपा. इस अवसर पर सीरतुन्नबी कमेटी के सदर हाजी शेख मुबस्सिर हुसैन, जामा मस्जिद ट्रस्ट कमेटी के सदर मोहम्मद आवेश रजा,सुन्नी मक्का मस्जिद के सदर वसीम खान एवं मोहम्मद अय्युब व शेख कलीमुल्लाह वारसी उपस्थित थे ज्ञापन में मांग की गई है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में आई लव मोहम्मद लिखे बैनर पर कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में उल्लेखित धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है.हमें संविधान अधिकार देता है कि हम अपने पैगंबर के सिद्धांतों पर अमल करें उनसे मोहब्बत को प्रदर्शित करें इसलिए हमारी मांग है कि कानपुर पुलिस द्वारा की गई असंवैधानिक कृत्य पर संज्ञान लेते हुए गिरफ्तार व्यक्तियों के मामले को तत्काल निरस्त किया जावे,इसके अलावा मॉब लिंचिंग करने वालों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग,यू,ए,पी,ए के दुरुपयोग रोकने एवं दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग,बुलडोजर कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन की मांग, बांग्लाभाषियो को बांग्लादेशी कहकर प्रताड़ित करने वालों पर कार्यवाही की मांग,मनपसंद शादी को लवजेहाद कहकर प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई की मांग,वक़्फ़ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2025 को निरस्त करने की मांग,मुगलकालीन इतिहास को पाठ्यक्रम में पुनः शामिल करने की मांग, शैक्षिक संस्थानों में धर्म के आधार पर हो रहे हैं भेदभाव को रोकने की मांग, सोशल मीडिया में नफरत भरी वीडियो डालकर आर्थिक बहिष्कार की अपील करने वालों तथा सामाजिक समरसता के विपरीत कार्य करने वालों पर कार्यवाही की मांग को उल्लेखित किया गया है. कमेटी ने निवेदन किया है कि हमारी मांगों को सवर्ष स्वीकार करें जिससे हमारी साझा संस्कृति और हमारे देश की एकता एवं अखंडता एवं संविधान को बताया जा सके.

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