
रायगढ़ रक्षाबंधन पर्व को लेकर जिला जेल में दो दिन पहले से ही तैयारी चल रही थी, इससे शनिवार सुबह 8 बजे से ही आयोजन को चालू कर दिया जो शाम पांच बजे तक चला, इस दौरान जिला सहित दिगर प्रांत से भी बहने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए पहुंची थी, जेल अधीक्षक श्री सौरी ने बताया कि जिसे पूरी सुरक्षा के साथ बैरक में ही बहने अपने भाईयों की राखी बांधी,जिसे देख बंदी भाईयों के आंखे नम हो गई थी।उल्लेखनीय है कि भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन को लेकर लोगों में काफी उत्साह था,जिससे बहने भाईयों की कलाई में रक्षा सूत्र व राखी बांधकर आर्शीवाद लिया तो वहीं जिला जेल में बंद निरुद्ध बंदियों की बहनों ने भी अपने भाई को नजदीक से देख उनकी आंखे नम हो गई। वहीं जेल में बंद भाईयों ने रक्षाबंधन पर बहनों को वादा किया अब वे अपराध से तौबा कर देंगे। वहीं रक्षाबंधन त्यौहार को यादगार बनाने के लिए जेल प्रशासन द्वारा इस बार विशेष व्यवस्था की गई थी। जिससे बहनें रक्षासूत्र व मिठाई लेकर जेल के अंदर प्रवेश कर पूरी रीति-रिवाज के साथ राखी बांधी, साथ ही जेल प्रशासन की तरफ से दीपक,चंदन सहित अन्य व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही जेल के बाहर टेंट लगाया गया था, ताकि दूर-दराज से बंदियों के परिजनों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। ऐसे में पूरी सतर्कता के साथ परिजनेां को जेल के अंदर भेजा जा रहा था, ताकि अव्यवस्था न हो। बंदियों से मिलने आने वाले परिजनों की जेल के अंदर कड़ाई से जांच की जा रही थी,ताकि जेल के भीतर किसी प्रकार के मादक पदार्थ या फिर आपत्तिजनक वस्तु न जाए। साथ इस बार दो बैरक में व्यवस्था की गई थी,जिससे एक साथ 50 से 60 बहनों की जिला जेल के भीतर राखी बांधने के लिए व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही बहनों के अलावा अन्य परिजन भी बंदियों से मुलाकात किया, इसके लिए हर बंदी के लिए 10 मिनट का समय रखा गया था, जिससे राखी बांधने के साथ आराम से बैठकर बात भी कर सकें। इस संंबंध में जेल अधीक्षक शोभा रानी ने बताया कि यहां जेल में करीब 813 पुरुष बंदी, 50 महिला व चार बच्चे हैं, इसमें दिगर प्रांत के भी कई कैदी है। इससे बिहार, झारखंड ओडिशा सहित अन्य जगह से बंदियों की बहने राखी बांधने के लिए पहुंची थी, जिससे शाम करीब चार बजे तक 265 बंदियों ने राखी बंधवाया था, इसके साथ ही इनसे 570 परिजनों ने भी मुलाकात किया। इस दौरान बहने राखी बांधने के साथ बंदी भाईयों से बचन ले रही थी,कि अब यहां से निकलने के बाद अच्छा जीवन की शुरूआत करेंगे के ताकि अब जेल में राखी बांधने न आना पड़े। वहीं जेल प्रशासन द्वारा मुख्य गेट के पास टेंट के साथ बेरिकेट्स भी लगाया गया था, इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम भी तैनात थी ताकि किसी की तबीयत बिगडऩे पर तत्काल उपचार हो सके।महिला बंदियों से मिलने पहुंचे थे भाई गौरतलब हो कि जिला जेल में महिला बंदियों की भी संख्या करीब 50 है, जिससे इनसे भी राखी बंधवाने के लिए चार महिला बंदी के भाई पहुंचे हुए थे। जिससे इनको भी व्यवस्था के साथ राखी बंधवाने का मौका दिया गया। इस दौरान भाईयों ने अपनी बहनों को जल्द जेल से रिहा होने की कामना करते हुए राखी बंधवाया।घरों में शुभ मुहूर्त में हुआ रक्षाबंधन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का असर नहीं होने के कारण सुबह से ही शुभ मुहुर्त बहनों ने अलग-अलग समय में राखी बांधी। ऐसे में इस बार कई साल बाद पूरे दिन का शुभ मुहुर्त होने के कारण यह आयोजन दिनभर चलता रहा। जिससे जहां भाईयों ने राखी बंधवाकर खुश हुए तो वहीं बहनों ने एक से बढकऱ एक गिफ्ट पाकर काफी प्रसन्न हुई।



