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सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने कृषकों को तिल बीज एवं अन्य आदान सामग्री का किया वितरण,तिलहन फसल के क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ जैविक खेती को अपनाने के लिए किसानों को किया प्रोत्साहित,कृषि वैज्ञानिकों ने तिल फसल के उन्नत उत्पादन तकनीक एवं फसल विविधीकरण के बारे में दी विस्तार से जानकारी

रायगढ़ लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने आज ग्राम-घरघोड़ा में आयोजित कार्यक्रम में तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषकों को तिल बीज एवं अन्य आदान सामग्री का वितरण किया। यह आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र,रायगढ़ द्वारा किया गया,जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत तिलहन फसल के क्षेत्रफल, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए तिल फसल किस्म-उन्नत रामा के 50 एकड़ क्षेत्रफल में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन किया गया।कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री राठिया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा,हमारे प्रदेश की कृषि शक्ति को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि हम तिलहन फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन को बढ़ाएं। यह न केवल खाद्य सुरक्षा में योगदान करेगा बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा। इसके साथ ही जैविक खेती को अपनाकर किसानों को नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगीडॉ.एस.आर.के.सिंह,निदेशक,कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान,जबलपुर और डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक,इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय,रायपुर ने इस कार्यक्रम में मार्गदर्शन किया। उन्होंने कृषकों को उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी और तिलहन फसल के उत्पादन में वृद्धि के उपायों पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में डॉ. बी.एस.राजपूत,वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र ने कृषकों को विभिन्न कृषि विधाओं में विविधीकरण करने के लिए सलाह दी। उन्होंने तिलहन के अलावा दलहन,पशुपालन, मुर्गीपालन और मछलीपालन को भी आय वृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया। डॉ.के.के. पैकरा, वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) ने तिल फसल के उन्नत उत्पादन तकनीक और फसल विविधिकरण पर विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर सरपंच,पंच,अन्य जनप्रतिनिधिगण व श्री शिव दिवाकर,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं छर्राटांगर के कृषक एवं कृषक महिलाओं की सहभागिता रही।

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