Homeरायगढ़ न्यूजसियासी महात्वाकांक्षा पर पार्टी की उपेक्षा पड़ी भारी,पूर्व महापौर ने कांग्रेस छोड़ी

सियासी महात्वाकांक्षा पर पार्टी की उपेक्षा पड़ी भारी,पूर्व महापौर ने कांग्रेस छोड़ी


कांग्रेस की टिकट पर तीन बार लड़े महापौर का चुनाव

रायगढ़। कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर रायगढ़ नगर निगम के पहले महापौर जेठूराम मनहर ने 7 अक्टूबर को पार्टी से औपचारिक त्यागपत्र दे दिया।भूतपूर्व महापौर के इस निर्णय से शहर के राजनैतिक गलियारों में नई बहस छिड़ गई।चर्चा है कि जेठूराम जल्द भगवा खेमे में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने फिलहाल कहीं से बुलावा आने का कोई संकेत नहीं किया है।जेठूराम ने अपने त्यागपत्र को अपने राजनैतिक भविष्य से जोड़कर बताया तथा संगठन के द्वारा लगातार स्वयं को उपेक्षित किये जाने को इसकी प्रमुख वजह बताया।हांलांकि भूतपूर्व मेयर ने किसी का नाम नहीं लिया।जिला कांग्रेस से करीब दो दशकों से भी अधिक समय से जुड़े भूतपूर्व महापौर जेठूराम मनहर ने सोमवार को जैसे ही अपना त्यागपत्र अपने सोशल मीडिया पेज पर साझा किया शहर की सियासी सरगर्मी बढ़ गई।हर चौक चौराहे पर तरह तरह के कयास लगाते राजनैतिक चर्चा जोर पकड़ने लगी। सोशल मीडिया पर जेठूराम मनहर का त्यागपत्र तेजी से वायरल होते हुए राजधानी में पीसीसी तक जा पहुंचा। जेठूराम मनहर से हुई चर्चा में उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के समर्पित और कर्मठ सिपाही रहे किंतु बीते पंचवर्षीय में प्रदेश तथा नगर में कांग्रेस की सत्ता के दौरान उनकी निरंतर उपेक्षा हुई। हालात ऐसे भी बन गये थे कि जेठूराम एक दो बार खुलकर तत्कालीन नगर विधायक और वर्तमान महापौर के विरोध में खड़े हो गये थे। पार्टी से जेठू की नाराजगी तब पहली बार खुलकर सामने आई जब विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आए। इन नतीजों में कांग्रेस के निराशा जनक प्रदर्शन के चंद माह बाद ही नगर के सियासी हल्के में भूतपूर्व महापौर जेठूराम मनहर के कांग्रेस छोड़ने का शोर होने लगा था किंतु सियासी नब्ज की गहरी पहचान रखने वाले जेठू ने उस वक्त इसे अफवाह बताकर किनारा कर लिया था। वहीं सूत्र बताते हैं कि कभी जोगी खेमे के विश्वसनीय सिपहसालारों में शामिल जेठूराम मनहर का ब्रेनवाश करने का काम भी पूर्व सीएम स्व.जोगी के उस भरोसेमंद खिलाड़ी ने किया जो विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हो गया था और सधी हुई सियासीचाल से कांग्रेस के मोहरों को भाजपा में सेट करने में जुट गया था।बहरहाल जेठूराम ने मीडिया से चर्चा में इतना ही कहा कि अब कांग्रेस में उनका राजनैतिक भविष्य सुरक्षित नहीं है और पार्टी की उपेक्षा भी अब बर्दाश्त करना कठिन हो रहा है।इसलिए उन्होंने बगैर दोषारोपण अपना रास्ता अलग कर लिया है।वहीं बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर जेठूराम ने कहा कि अभी तक उनके पास भाजपा का आमंत्रण नहीं आया है लेकिन राजनीति में संभावना कभी खत्म नहीं होती ।एक वजह यह भी …विश्वसनीय राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि भूतपूर्व महापौर जेठूराम मनहर इस बार वार्ड 4 से नगरीय निकाय चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं। वर्तमान में इस वार्ड पर महापौर जानकी काटजू काबिज हैं।बताया यह भी जा रहा है कि जेठूराम खुद चुनाव ना लड़कर अपने राजनैतिक उत्तराधिकारी यानि सुपुत्र को मैदान में उतार सकते हैं।जानकी काटजू की मौजूदगी से जेठू या उनके बेटे को वार्ड 4 से टिकट मिलने में मुश्किल आनी तय है।इसलिए पुत्र मोह में पार्टी छोड़कर जेठूराम मनहर अपने बेटे को निर्दलीय भी चुनाव लड़ा सकते हैं। संगठन से उनके इस्तीफे को भविष्य की इसी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।

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