रायगढ़ उड़ीसा तटस्थ एम कांटापाली स्वामी शिवानंद जागृति आश्रम गत मंगलवार के दिन तब और सुगंधित हो उठा जब साहित्य को समर्पित काव्य वाटिका का सम्मान समारोह यहां के मादक वातावरण में सुनिश्चित हुआ।कोयल की कूक,चारों ओर के हरितिमा में अठखेली करते मर्कट और मन को मदहोश करते विविध प्रकार के पुष्प इस विशुद्ध वातावरण को निश्चित रूप से मादक बनाते हैं।भगवान शिव की नगरी ऋषिकेश के महान् संत स्वामी शिवानंद जी के परम् शिष्य गुरुदेव स्वामी चिदानंद की 108 वीं जयंती के पावन अवसर पर आयोजित इस चिंतन में सर्वप्रथम गुरुदेव की पूजा अर्चना भजन कीर्तन सत्संग व नामोच्चार के संगीत मय कार्यक्रम व आरती पश्चात प्रसाद ग्रहण किया गया।गुरुदेव के जीवनावली के विविध पहलुओं को जन मानस हेतु साझा कर वनांचल में ही वनभोज का आयोजन हुआ।दौड़ती भागती कल युग में मशीनों को छोड़ प्राकृतिक सुरम्य वातावरण के दामन में आना समरसता को आत्मसात करता है।भोजनोपरांत इसी भोग्य वसुधा के प्रांगण में काव्य वाटिका के 27वें अध्याय का प्रारंभ हुआ जिसके प्रमुख नायक बने महापल्ली निवासी सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी वरिष्ठ कवि पद्ममुख पण्डा जी।काव्य वाटिका सम्मान प्राप्त करते हुए श्री पंडा जी ने कहा कि मैं अभिभूत हूँ मैनें सोचा नही था मुझे भी एक दिन सम्मान मिलेगा।पण्डा जी अपनी कृति”वि श्रृंखला”में विभिन्न भावो को लेकर अठ्ठावन कविताओं का समावेश किया है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिव्य जीवन शाखा रायगढ़ के संयोजक संगीत विषारद जगदीश मेहर ने किया। उन्होंने अपने संबोधन मे काव्य वाटिका के कार्य को सराहनीय बताते हुए”बड़ों बड़ों ने खाई मात,हम जैसों की क्या अवकात”जैसे हास्य पुट लाते हुए यथार्थ चित्रण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार हरेराम तिवारी ने अपने उद्बोधन मे कहा कि रायगढ़ मे इतने सशक्त साहित्यकार छुपे हैं जिन्हे प्रसस्त करने हेतु विचार करना चाहिए।उन्होंने काव्य वाटिका की संस्थापिका,साहित्यिक प्रेरक डॉ.आशा मेहर के योगदान की मुक्त कंठ से सराहना की।वहीं काव्य वाटिका की संस्थापिका डॉ.सुधा देवांगन ने मधुर संगीत सुनाकर मंत्र मुग्ध किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विलक्षण प्रतिभा के धनी मनोज श्रीवास्तव जी ने पद्ममुख पण्डा जी की साहित्यिक जीवनी पर प्रकाश डाला।आश्रम के सेवादार शौकी साहू जी ने “सर्व श्रेष्ठ कौन है ?पर सुंदर तुकबंदी से श्रोताओं का ध्यान केंद्रित किया।कार्यक्रम के अंत मे आयोजन संचालक व जिले के युवा कवि साहित्यकार डॉ.गुलशन खम्हारी ने अपने ओजस्वी अंदाज मे दर्शकों को जमकर गुदगुदाया।कार्यक्रम मे श्रीमती संयुक्ता नायक,श्रीमती लक्ष्मी मेहर,पार्वती नामदेव,बिलाषिनी नायक, सरस्वती नायक,पुष्पा नायक,सुहासिनी नायक,कमलिनी नायक,भूमिसुता नायक,भारती देवांगन,छाया देवांगन,मोहनलाल देवांगन,अनंत नायक शिवकुमार मेहर,कामता पटेल,रामकुमार देवांगन,राजेंद्र शर्मा,कमलेश्वर,सिंह,श्रीधर,मधुसूदन सोनी आदि सत्संगी सदस्यगण शामिल हुए।अंत में काव्य वाटिका की संस्थापिका डॉ.आशा मेहर किरण ने सफल कार्यक्रम के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।



